बिहार के नियोजित शिक्षकों को मिलेगा राज्यकर्मी का दर्जा, अक्टूबर में दुर्गापूजा से पहले राज्य सरकार करेगी घोषणा, 4 लाख से अधिक शिक्षकों को होगा लाभ- सूत्र
बिहार में नियोजित शिक्षकों की संख्या लगभग 4 लाख है। इनका संघर्ष राज्य कर्मी का दर्जा लेने को लेकर लगातार रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 15 अगस्त को दिए आश्वासन के बाद इंतजार है कि कब राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाता है। जानकारी है कि इस पर जल्द ही बिहार कैबिनेट की मुहर लग सकती है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अक्टूबर माह में यह मांग सरकार पूरी कर सकती है। इसको लेकर बनी इंटरनल कमिटी की रिपोर्ट भी सरकार को प्राप्त हो चुकी है।
15 दिन की ट्रेनिंग भी
हालांकि, सभी को इसका भी इंतजार है कि राज्यकर्मी का दर्जा देने का स्वरुप क्या होगा! विभागीय परीक्षा लेकर राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाएगा या फिर बिना परीक्षा ही राज्यकर्मा का दर्जा मिलेगा। जानकारी है कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने के बाद सरकार उन्हें 15 दिनों की ट्रेनिंग करवा सकती है। अक्टूबर माह में इसकी घोषणा हो सकती है।
नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने में बड़ी दिक्कत इस वजह से रही है कि अलग-अलग नियोजन इकाइयों के जरिए ये शिक्षक नियोजित किए गए हैं। नियम यह कहता है कि जिन नियोजन इकाइयों से ये शिक्षक चुने गए हैं वही नियोजन इकाइयां उनके बारे में फैसला लेने के लिए जिम्मेवार हैं।
विभिन्न शिक्षक संघ इसको लेकर एक्टिव रहे
बता दें नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर राजनीतिक पार्टियों में भाकपा माले सबसे अधिक एक्टिव रहीं। बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संरक्षक के तौर पर माले विधायक संदीप सौरभ ने कई बार ये मांग उठायी। इसको लेकर पटना के आईएमए हॉल में शिक्षकों का बड़ा कन्वेंशन भी आयोजित किया गया था जिसमें माले के कई विधायक मंच पर दिखे थे। कई शिक्षक संघों ने इसको लेकर एकजुटता दिखायी।
टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक कहते हैं कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आश्वासन के बाद हम सभी को उम्मीद है कि नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा मिल जाएगा। सभी शिक्षक इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हम मांग करते हैं कि सरकार जल्द से जल्द दशहरा से पहले यह तोहफा सभी नियोजित शिक्षकों को प्रदान करे।